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Haryana Cabinet: मनोहर सरकार के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार, मंत्रालयों में होगा बदलाव

हरियाणा की मनोहर सरकार अपने मंत्रियों के कामकाज का नए सिरे से बंटवारा करने वाली है। करीब एक दर्जन सरकारी विभागों को आपस में मर्ज कर मंत्रियों का कामकाज दोबारा से बांटने की योजना है। कुछ मंत्रियों से मौजूदा विभाग वापस लेकर नए विभाग थमाए जा सकते हैं।

 
Haryana Cabinet: मनोहर सरकार के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार, मंत्रालयों में होगा बदलाव

हरियाणा की मनोहर सरकार अपने मंत्रियों के कामकाज का नए सिरे से बंटवारा करने वाली है। करीब एक दर्जन सरकारी विभागों को आपस में मर्ज कर मंत्रियों का कामकाज दोबारा से बांटने की योजना है। कुछ मंत्रियों से मौजूदा विभाग वापस लेकर नए विभाग थमाए जा सकते हैं।

कुछ हेवीवेट मंत्रियों के विभागों पर तलवार चल सकती है। विवादों में रहने वाले विभागों को लेकर पूरी रणनीति तय हो गई है। मुख्यमंत्री अपनी टीम के कुछ मंत्रियों के काम से बहुत खुश हैं तो कुछ को काम में सुधार करने की सलाह दी गई है। इसी कामकाज के आधार पर सभी मंत्रियों की परफारमेंस का रिपोर्ट कार्ड तैयार हो चुका है, जो भाजपा हाईकमान के पास पहुंचा दिया गया है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी मंत्रियों के कामकाज में बदलाव के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के फैसले से सहमत है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार मंत्रियों के कामकाज में बदलाव एक दिसंबर को हो सकता है। इसी दिन राज्य मंत्रिमंडल की बैठक है। उम्मीद की जा रही है कि सुबह को मंत्रियों के कामकाज का नए सिरे से बंटवारा होगा और शाम को नए विभाग व नई जिम्मेदारी के साथ मंत्री राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भागीदारी करेंगे।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि कुछ मंत्रियों को उनकी परफारमेंस के आधार पर हटाया जा सकता है, लेकिन पता चला है कि ऐसे मंत्रियों को चिन्हित कर हटाने के बजाय उन्हें अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए कह दिया है। यानी हाल-फिलहाल उनकी छुट्टी नहीं होने वाली है।

मंत्रिमंडल में बदलाव नहीं होने की स्थिति में आदमपुर के नव निर्वाचित विधायक भव्य बिश्नोई का भी मंत्री बनने का सपना अधूरा रह सकता है। वैसे भी शहरी निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक और विधानसभा स्पीकर रणबीर गंगवा सरकार में हिसार जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को हिसार व जींद दोनों जिलों का प्रतिनिधि माना जाता है। ऐसे में मंत्रिमंडल में भव्य को जगह मिलेगी, इसकी संभावना बिल्कुल भी नहीं है।

नड्डा के समक्ष तैयार हो गई थी बदलाव की पटकथा

प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कामकाज में बंटवारे की पटकथा उसी समय तैयार हो गई थी, जब गुरुग्राम में भाजपा सांसदों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पार्टी प्रभारी बिप्लब कुमार देब, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और प्रांतीय संगठन मंत्री रवींद्र राजू भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को फिर दिल्ली पहुंच गए हैं। उनसे अलग गृह मंत्री अनिल विज भी दिल्ली रवाना हो चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कुछ मंत्रियों से उनके विभाग वापस लिए जा सकते हैं और उन्हें नए विभाग दिए जा सकते हैं, जिन्हें बचाने की जुगत में मंत्री जुट चुके हैं।

यह एक दर्जन से अधिक विभाग होंगे आपस में मर्ज

मंत्रियों के विभागों में हो रहे बदलाव के पीछे दलील यह है कि सरकार कई विभागों को आपस में मर्ज कर रही है। वर्तमान में इन विभागों के अलग-अलग मंत्री हैं। विभागों के मर्जर का फैसला भी इसलिए लिया जा रहा है, क्योंकि ये आपस में लिंक हैं और अलग-अलग मंत्री होने की वजह से फाइलें लटकती रहती हैं।

मर्जर के बाद कई विभाग हेवीवेट हो जाएंगे और वे जिस भी मंत्री को मिलेंगे, उसके कोटे से दूसरे विभाग वापस लिए जा सकते हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग को सरकार उच्च शिक्षा विभाग में मर्ज करने को तैयार है। वर्तमान में बिजली विभाग अलग है और अक्षय ऊर्जा विभाग अलग है।

पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग अलग-अलग हैं। श्रम एवं रोजगार और रोजगार विभाग अलग-अलग हैं। कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा दोनों अलग विभाग हैं। हाउसिंग बोर्ड व एचएसवीपी अलग-अलग हैं। खेल एवं युवा मामले विभाग से युवा मामले को अलग कर सिटीजन रिसोर्स डिपार्टमेंट के अंडर लाने की तैयारी है। विदेश सहयोग विभाग, एमएसएमई, कृषि और बागवानी समेत कई ऐसे विभाग हैं, जिन्हें आपस में मर्ज किया जाएगा।