मनोहर लाल की घोषणा: हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना बंद, अब इस योजना से बनेंगे गोल्डन कार्ड

आयुष्मान भारत -PMJay स्कीम को अब हरियाणा में चिरायु के नाम से जाना जाएगा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम के मानेसर में योजना के विस्तार के शुभारंभ के दौरान यह घोषणा की.
 

आयुष्मान भारत -PMJay स्कीम को अब हरियाणा में चिरायु के नाम से जाना जाएगा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम के मानेसर में योजना के विस्तार के शुभारंभ के दौरान यह घोषणा की. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि अब राज्य में 12 लाख अंत्योदय परिवारों को इस योजना से जोड़ा जाएगा. सीएम ने कहा कि 31 दिसंबर तक सभी लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड का वितरण कर दिया जाएगा. इस योजना के जरिए केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ाया गया है. 


 जल्द ही 28 लाख लोग इस योजना का ले पाएंगे लाभ  

लगभग 28 लाख परिवार इस योजना का लाभ उठा पाएंगे. इस योजना के जरिए 5 लाख रूपये तक का इलाज सरकारी व पैनल पर प्राइवेट अस्पतालों में करवाया जा सकेगा. अभी तक आयुष्मान योजना का लाभ 9.5 लाख लोगों को मिलता था. अब हरियाणा के 28 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलने वाला है. इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रूपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही इसके साथ किसी अन्य दस्तावेज दिखाने की भी कोई जरूरत नहीं होगी. गोल्डन कार्ड के जरिए हरियाणा के लोगों को 1219 सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में इलाज मिल पाएगा. 

इन लोगों को मिलेगा योजना का लाभ 

योजना के तहत करीब 715 सरकारी अस्पतालों और 575 निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. साथ ही कैंसर,  हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों के साथ 1500 दूसरी बीमारियों को भी इसमें कवर किया गया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने संबोधन में बताया कि राज्य के 1.80 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को घर बैठे ही पीला कार्ड सरकार देगी. हरियाणा देश के दूसरे राज्यों से छोटा है, परंतु विकास में उनसे काफी आगे है. हरियाणा सरकार की तरफ से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हरियाणा के लोगों को हर सुविधा का लाभ मिल सके. 

कोविड की वजह से 2021 की जनगणना का कार्य आरंभ नहीं हो पाया था, साथ ही 10 सालों में अंतोदय परिवारों की संख्या भी बढ़ी है.  इसलिए हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र के स्थापित डेटा को आधार मानकर उन परिवारों को योजना में शामिल किया है, जिनका नाम 2011 के आंकड़ों में शामिल नहीं था.