Auto News: भारत से झोला उठाकर चली गई ये कंपनी, जाने कारण

Latest Updates: निसान इंडिया ने अब बाजार में केवल एक मॉडल, मैग्नाइट, को उपलब्ध किया है। वे अब मैग्नाइट की बिक्री में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि, आने वाले दिनों में निसान और रेनॉल्ट मिलकर कुछ नए मॉडलों को बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं। इसमें कुछ एसयूवी भी शामिल होंगे।
साथ ही, कंपनी ने किक्स की बुकिंग रोक दी है। पहले कंपनी आधिकारिक वेबसाइट पर किक्स के लिए आरक्षण स्वीकार कर रही थी, लेकिन अब वे इसे वेबसाइट से हटा दिया हैं।
कुछ पिछले महीनों से किक्स की बिक्री बहुत कम हो गई है। दिसंबर 2022 के बाद से, यानी लगभग 120 दिनों से, किक्स की कोई भी यूनिट बिकी नहीं है।
निसान ने 2020 में किक्स को भारतीय बाजार में प्रस्तुत किया था। इसमें 1.5-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन दिया गया था।
इस गाड़ी में नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन मॉडल कीमत नौ लाख पचास हजार रुपये है और टर्बो इंजन मॉडल की कीमत ग्यारह लाख पचासी हजार रुपये है।
इस कार में 8 इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, क्रूज़ कंट्रोल, ऑटोमैटिक एयर कंडीशनिंग, रिमोट इंजन स्टार्ट, 4 एयरबैग, एबीएस, ईबीडी, ईएससी, हिल स्टार्ट असिस्ट जैसे कई सुविधाएं हैं।
SIAM के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में किक्स का कोई उत्पादन नहीं हुआ। एक साल पहले, 145 यूनिट्स का निर्माण किया गया था। कुल मिलाकर इसकी बिक्री के आंकड़े देखकर कंपनी इस बारे में कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है।
कंपनी ने किक्स के लिए आरक्षण बंद करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। पिछले 6 महीनों के आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी ने किक्स की बुकिंग क्यों बंद की है।
पिछले 6 महीनों के आंकड़ों से पता चलता है कि किक्स की बिक्री में गिरावट आ गई है। सितंबर 2022 के बाद से भारतीय बाजार में किक्स की मांग कम होती चली गई है।
सितंबर 2022 में केवल 108 यूनिट्स बिकीं। अक्टूबर 2022 में इस संख्या बढ़कर 242 यूनिट्स हो गईं। हालांकि, नवंबर में केवल 3 यूनिट्स ही बिकीं। और दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 तक कोई भी किक्स बिकीं नहीं।
इसका मतलब है कि पिछले 3 महीनों से किक्स की बिक्री शून्य पर रही है। वहीं, इसके बादशाह मॉडल मैग्नाइट ने पिछले 6 महीनों में 15,292 इकाइयां बेचीं। माने जाते हैं, हर महीने औसतन 2,548 यूनिट्स की बिक्री हो चुकी है।
पिछले महीने तक निसान किक्स पर 59,000 रुपये तक की छूट दी जा रही थी। इस गाड़ी पर 30,000 रुपये तक का ट्रेड-इन बोनस, 19,000 रुपये तक का कैश डिस्काउंट, 10,000 रुपये तक का कॉर्पोरेट छूट दिया जा रहा था।
यदि कंपनी या डीलर्स का फैसला होता है कि इस कार को बंद कर दिया जाए, तो वे इस डिस्काउंट को अधिक कर सकते हैं।