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Bill Gates: 'मैंने गटर का पानी पिया है, टॉयलेट की बदबू सूंघी है...' बिल गेट्स ने क्यों किया ऐसा, खुद बताई वजह

माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. दानवीरता से लेकर टेक्नोलॉजी में उनके काम का हर कोई मुरीद है. वह दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स हैं
 
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Bill Gates Networth: माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. दानवीरता से लेकर टेक्नोलॉजी में उनके काम का हर कोई मुरीद है. वह दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स हैं. लेकिन अपनी एक लिंक्डइन पोस्ट में गेट्स ने कहा कि उन्होंने टॉयलेट की बदबू सूंघी है और गटर का पानी भी पिया है. 

अपनी लिंक्डइन पोस्ट में बिल गेट्स ने लिखा, मैंने बीते कुछ सालों में कई अजीबोगरीब काम किए हैं. इसमें से एक है कि मैंने अमेरिकी कॉमेडियन जिमी फालॉन के साथ गटर का पानी पिया है और टॉयलेट की बदबू को सूंघा है. इसके अलावा कांच के जार में मानव मल को लेकर मंच भी साझा किया है. भले ही पढ़ने में ये चीजें आपको बेहद अजीब लगें लेकिन ये सब अच्छे काम के लिए किया गया है. गेट्स ने कहा, 'इन चीजों पर हंसी जरूर आएगी. लेकिन  मेरा मकसद हमेशा से लोगों को उस मुद्दे को लेकर जागरुक करना था, जिसका दुनिया के 3.6 बिलियन लोगों पर असर पड़ता है, ये है- अस्वच्छता.'

वैज्ञानिकों-इंजीनियर्स को कहा शुक्रिया

बिल गेट्स ने पोस्ट में कहा, 'दुनिया के वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स का शुक्रिया जो हम बीमारियों और बुखार की रोकथाम करने के उपायों के करीब हैं.' बिल गेट्स की यह पोस्ट दुनिया भर में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और चर्चा का विषय बन गई है.  गेट्स ने एक घटना के बारे में बताया, जो नवंबर 2018 की है. वह विकासशील देशों में शौचालयों की कमी को लेकर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए बीजिंग में एक मंच पर कांच के एक जार में मानव मल लेकर पहुंचे थे. 

दुनिया की समस्याओं का किया था जिक्र

इस पोस्ट में जुलाई 2021 का एक लिंक भी है, जिसमें बढ़ती आबादी के मद्देजनर साफ-सफाई के नए हल खोजने की बात थी. ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने दस साल पहले दुनिया को टॉयलेट्स को फिर से बनाने की चुनौती दी थी. 

अपने ब्लॉग में, गेट्स ने कहा, लगभग 3.6 बिलियन लोग या दुनिया की लगभग आधी आबादी के पास शौचालयों की सुविधा नहीं है. माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर ने कहा, 'बिना शौचालय के रहना परेशानी से ज्यादा है. यह खतरनाक है. अस्वच्छता का मतलब है दूषित जल, मिट्टी और खाना. यह बीमारी और मौत का कारण बनता है. ताजा अनुमानों के अनुसार, डायरिया और अन्य स्वच्छता संबंधी बीमारियों से हर साल पांच साल से कम उम्र के लगभग 500,000 बच्चों की मौत होती है.' अरबपति कारोबारी ने सितंबर में सैमसंग के साथ मिलकर घरेलू इस्तेमाल के लिए बिना पानी वाला टॉयलेट का प्रोटोटाइप बनाया है जो ठोस कचरे को राख में तब्दील करता है.