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Digital Media: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- डिजिटल मीडिया को लेकर जल्द लाया जाएगा विधेयक

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया को लेकर जल्द विधेयक लाएगी। दरअसल, पहले समाचारों का एकतरफा संचार हुआ करता था, लेकिन अब इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के विकास के साथ समाचारों का संचार बहुआयामी हो गया है। 

 
Digital Media: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- डिजिटल मीडिया को लेकर जल्द लाया जाएगा विधेयक

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया को लेकर जल्द विधेयक लाएगी। दरअसल, पहले समाचारों का एकतरफा संचार हुआ करता था, लेकिन अब इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के विकास के साथ समाचारों का संचार बहुआयामी हो गया है। 

डिजिटल मीडिया के लिए संतुलन जरूरी 

जयपुर में एक समाचार पत्र के कार्यक्रम में ठाकुर ने कहा कि डिजिटल मीडिया के कारण गांव का छोटा सा समाचार भी अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच जाता है। लेकिन, डिजिटल मीडिया अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। ऐसे में संतुलन बनाने के लिए, सरकार यह देखेगी कि इस दिशा में क्या किया जा सकता है। 

लोगों को ध्यान में रखकर लाया जाएगा कानून 

उन्होंने कहा कि जो भी विधेयक लाया जाएगा या पूर्व के कानून में जो भी बदलाव किया जाएगा, वह लोगों के काम को सरल और आसान बनाने के लिए किया जाएगा। डिजिटल मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों की मान्यता को लेकर भी केंद्र सरकार काम कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन पत्रकारों की मौत हुई थी, उनके स्वजन को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। 


aडिजिटल मीडिया के गलत उपयोग पर रोक लगाने की जरूरत 

इससे कुछ दिन पहले पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि मीडिया का परिदृश्य पिछले कुछ सालों में बदल गया है और डिजिटल मीडिया के उदय से सूचनाएं लोगों की पहुंच में हैं। लेकिन इसके साथ ही बहुत सारी झूठी जानकारियों को हानिकारक तरीके से फैलाया जा रहा है। यह न केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर महसूस किया गया और गलत सूचना के कारण कई लोगों की जान चली गई। 

उन्होंने कहा था कि कोविड-19 महामारी एक तरह से महामारी से अधिक 'इंफोडेमिक' बन गया था। कोविड काल में प्रचलन में आए शब्द इंफोडेमिक का अर्थ है सही-गलत सूचनाओं का एक साथ बहुत तेजी से प्रसार। उन्होंने कहा कि न केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर 'इंफोडेमिक' की यह समस्या पैदा हुई। इस गलत सूचना के कारण कई लोगों की जान चली गई।