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Haryana Electricity: हरियाणा के बिजली उपभोक्‍ताओं को मिलेगा तोहफा , 50 यूनिट से कम खपत पर राहत की तैयारी

Haryana Electricity: हरियाणा के बिजली उपभोक्‍ताओं को जल्‍द ही तोहफा मिल सकता है।राज्‍य सरकार की 50 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले उपभोक्‍ताओं को राहत देने की तैयारी में है। इसके साथ ही हरियाणा में एक लाख लोगों को सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे। 

 
Haryana Electricity: हरियाणा के बिजली उपभोक्‍ताओं को जल्‍द ही तोहफा मिल सकता है।राज्‍य सरकार की 50 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले उपभोक्‍ताओं को राहत देने की तैयारी में है। इसके साथ ही हरियाणा में एक लाख लोगों को सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे। 

हरियाणा सरकार एक लाख सोलर कनेक्‍शन देगी, अब तक 30 हजार कनेक्‍शन दिए गए 
अभी तक 30 हजार सोलर कनेक्शन दिए जा चुके हैं और 50 हजार कनेक्शन देने पर काम चल रहा है। सौर ऊर्जा के बढ़ते इस्तेमाल से 1700 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी की बचत हुई है। पहले जहां बिजली पर 7200 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी, वहीं आज 5500 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाते हैं। 


सौर ऊर्जा से बची 1700 करोड़ की बिजली सब्सिडी 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को हरियाणा विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित विनियामक मंच की 83वीं बैठक में दूसरे राज्यों से आए हुए विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्षों व सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही।


उन्होंने बताया कि सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रूफटाप सोलर पालिसी को लागू किया गया है। सरकार की सोच है कि 50 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को और रियायत दी जानी चाहिए, ताकि गरीब परिवारों को राहत मिल सके। 

 हरियाणा सरकार एक लाख सोलर कनेक्‍शन देगी, अब तक 30 हजार कनेक्‍शन दिए गए  अभी तक 30 हजार सोलर कनेक्शन दिए जा चुके हैं और 50 हजार कनेक्शन देने पर काम चल रहा है। सौर ऊर्जा के बढ़ते इस्तेमाल से 1700 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी की बचत हुई है। पहले जहां बिजली पर 7200 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी, वहीं आज 5500 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाते हैं।  सौर ऊर्जा से बची 1700 करोड़ की बिजली सब्सिडी  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को हरियाणा विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित विनियामक मंच की 83वीं बैठक में दूसरे राज्यों से आए हुए विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्षों व सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने बताया कि सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रूफटाप सोलर पालिसी को लागू किया गया है। सरकार की सोच है कि 50 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को और रियायत दी जानी चाहिए, ताकि गरीब परिवारों को राहत मिल सके।  मुफ्त बिजली देने की प्रथा को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया घातक  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इसके लिए सरकार विद्युत नियामक आयोग से इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। प्रदेश में 5680 गांवों (80 प्रतिशत) को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। दिल्ली और पंजाब का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रांतों में फ्री बिजली देने की शुरुआत हुई है, लेकिन हमने इस अवधारणा को नकारा है। इससे न तो उपभोक्ताओं का भला होता है और न ही सरकार का।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने हरियाणा में चली आ रही बिजली के बिल न भरने की प्रथा पर करारा प्रहार किया। इस पहल में लोगों ने भी हमारा सहयोग किया। ओवरचार्ज माफ कर उपभोक्ताओं को राहत दी। डिफाल्टर उपभोक्ताओं को बिजली बिलों की मूल राशि का किस्तों में भुगतान करने का विकल्प देते हुए करोड़ों रुपये का ब्याज व सरचार्ज माफ किया गया। इन पहलों के बल पर ही पिछले दो साल में ऊर्जा बचत की रैंकिंग में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है।  मनोहर लाल  ने कहा कि पिछले आठ सालों में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, बल्कि बिजली की दरों को घटाकर लोगों को राहत पहुंचाई है। फ्यूल सरचार्ज एरियर (एफएसए) 37 पैसे था, जो हमने समाप्त कर दिया। बिजली की दर 150 यूनिट तक 4.50 रुपये प्रति यूनिट थी, जिसमें हमने कमी की और 200 यूनिट तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट तथा 50 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने पर दो रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की।।  लाइन लास रह गया आधा, छह हजार करोड़ की बचत  वर्ष 2014 में राज्य में लाइनलास 29 प्रतिशत था जो घटकर 14 प्रतिशत पर आ गया है। इससे छह हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है और चारों बिजली निगम लाभांश की स्थिति में हैं। बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए ढांचागत विकास पर भी काम किया गया है।  अक्टूबर 2014 से अब तक प्रसारण नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 3679 करोड़ रुपये की लागत से 57 नए सब-स्टेशनों की स्थापना की गई तथा 522 सब-स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि की गई। 50 हजार नए ट्रांसफार्मर लगाए गए। 1895 किलोमीटर की प्रसारण लाइनें जोड़ी गई।
मुफ्त बिजली देने की प्रथा को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया घातक 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इसके लिए सरकार विद्युत नियामक आयोग से इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। प्रदेश में 5680 गांवों (80 प्रतिशत) को 24 घंटे बिजली दी जा रही है।


दिल्ली और पंजाब का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रांतों में फ्री बिजली देने की शुरुआत हुई है, लेकिन हमने इस अवधारणा को नकारा है। इससे न तो उपभोक्ताओं का भला होता है और न ही सरकार का। 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने हरियाणा में चली आ रही बिजली के बिल न भरने की प्रथा पर करारा प्रहार किया। इस पहल में लोगों ने भी हमारा सहयोग किया। ओवरचार्ज माफ कर उपभोक्ताओं को राहत दी।


डिफाल्टर उपभोक्ताओं को बिजली बिलों की मूल राशि का किस्तों में भुगतान करने का विकल्प देते हुए करोड़ों रुपये का ब्याज व सरचार्ज माफ किया गया। इन पहलों के बल पर ही पिछले दो साल में ऊर्जा बचत की रैंकिंग में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है। 
मनोहर लाल  ने कहा कि पिछले आठ सालों में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, बल्कि बिजली की दरों को घटाकर लोगों को राहत पहुंचाई है। फ्यूल सरचार्ज एरियर (एफएसए) 37 पैसे था, जो हमने समाप्त कर दिया।
बिजली की दर 150 यूनिट तक 4.50 रुपये प्रति यूनिट थी, जिसमें हमने कमी की और 200 यूनिट तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट तथा 50 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने पर दो रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की।। 


लाइन लास रह गया आधा, छह हजार करोड़ की बचत 
वर्ष 2014 में राज्य में लाइनलास 29 प्रतिशत था जो घटकर 14 प्रतिशत पर आ गया है। इससे छह हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है और चारों बिजली निगम लाभांश की स्थिति में हैं। बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए ढांचागत विकास पर भी काम किया गया है। 


अक्टूबर 2014 से अब तक प्रसारण नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 3679 करोड़ रुपये की लागत से 57 नए सब-स्टेशनों की स्थापना की गई तथा 522 सब-स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि की गई। 50 हजार नए ट्रांसफार्मर लगाए गए। 1895 किलोमीटर की प्रसारण लाइनें जोड़ी गई।