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Haryana Kaushal Rojgar: हरियाणा में कौशल रोजगार के जरिए कितनी मिली है नौकरियां, देखिए पूरी लिस्ट

हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन भर्तियों में विभिन्न अनियमितताओं और विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से किया गया है। इसके तहत लगाए गए अनुबंधित कर्मचारियों को उचित वेतन, ई.पी.एफ., ई.एस.आई., लेबर वेलफेयर फंड आदि सुविधाएं समयानुसार दी जाती हैं। निगम के तहत सभी भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी तरीके और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा की जाती हैं।
 
Haryana Kaushal Rojgar: हरियाणा में कौशल रोजगार के जरिए कितनी मिली है नौकरियां, देखिए पूरी लिस्ट

Haryana Kaushal Rojgar: हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन भर्तियों में विभिन्न अनियमितताओं और विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से किया गया है। इसके तहत लगाए गए अनुबंधित कर्मचारियों को उचित वेतन, ई.पी.एफ., ई.एस.आई., लेबर वेलफेयर फंड आदि सुविधाएं समयानुसार दी जाती हैं। निगम के तहत सभी भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी तरीके और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा की जाती हैं।

यह जानकारी हरियाणा के कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री  मूलचंद शर्मा ने आज यहां हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्तावों का जवाब देते हुए दी।

मूलचंद शर्मा ने बताया कि सरकार को यह अंदेशा था कि ठेकेदारी प्रथा के माध्यम से काम कर रहे अनुबंधित कर्मचारियों को उचित वेतन, ई.पी.एफ., ई.एस.आई. आदि की उचित सुविधा समयानुसार नहीं मिल पाती, जिससे संबंधित कर्मचारियों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि निगम के गठन के बाद प्रदेश के युवाओं को ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति मिली है और युवाओं का शोषण बंद होने से उनके जीवन में आशा की नई किरण जागी है। उन्हें समयानुसार उचित पारिश्रमिक मिलने के साथ-साथ उन्हें सरकार द्वारा प्रदान की जा रही ई.पी.एफ., ई.एस.आई. आदि विभिन्न सुविधाओं का उचित लाभ मिलना शुरू हो गया है।

उन्होंने बताया कि निगम द्वारा जो भी नौकरियां निकली जाती हैं, उनकी जानकारी निगम के पोर्टल पर और विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से समय-समय पर प्रकाशित की जाती हैं, उन सभी भर्तियों में सरकार द्वारा तय की गई डिप्लॉयमेंट ऑफ कॉन्ट्रेक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी-2022 का पालन किया जाता है। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि भर्तियों में पॉलिसी के तहत अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। भर्ती के दौरान गरीब और अंत्योदय परिवार के युवाओ के रोजगार और उत्थान के लिए भी विशेष प्रावधान है।

 
मूलचन्द शर्मा ने बताया कि अभी तक विभिन्न विभागों में काम कर रहे 1 लाख 6000 से ज्यादा अनुबंधित कर्मचारियों को निगम के तहत लाया गया है। इसके अलावा, 4422 नए उम्मीदवारों को ऑफर लेटर दिए गए हैं, जिनमें से 3128 लोगों ने विभिन्न विभागों में ज्वाइन कर लिया है। निगम द्वारा 800 करोड़ रुपए से ज्यादा का पारिश्रमिक सीधा अनुबंधित कर्मचारियों के बैंक खातों में डाला जा चुका है, जो सरकार की उचित नीति और पारदर्शिता को दर्शाता है।


उन्होंने बताया कि वर्तमान में टीजीटी व पीजीटी भर्तियों में निगम ने शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदित और सरकार द्वारा तय की गई डिप्लॉयमेंट ऑफ कॉन्ट्रैक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी-2022 में निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए 2075 टीजीटी व पीजीटी उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया था।


उन उम्मीदवारों के प्राथमिक मूल्यांकन के दौरान यह पाया गया कि कुछ उम्मीदवारों का एचटेट प्रमाण पत्र 7 साल से ज्यादा पुराना है, जो कि मान्य नहीं है। अतः उन उम्मीदवारों को अगली प्रक्रिया के लिए नहीं चुना जा सका। अतः उम्मीदवारों की ऑफर की स्वीकृति के उपरांत 1592 उम्मीदवारों को पंजीकरण की अंतिम तिथि के एक महीने से भी कम समय में डिप्लॉयमेंट ऑफर लेटर (डी.ओ.एल.) दे दिया गया।


कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री  मूलचन्द शर्मा ने बताया कि टीजीटी व पीजीटी उम्मीदवारों का पंजीकरण करते समय उनसे तीन जिलों की वरीयता मांगी गई थी। तदनुसार, अधिकांश उम्मीदवारों को उनके गृह जिलों और उनकी वरीयता के अनुसार स्टेशनों के आबंटन का प्रयास किया गया। हालांकि, कुछ मामलों में गृह जिलों और उनकी वरीयता के अनुसार सीटों की उपलब्धता न होने और दूसरे जिलों में अधिक सीटों की उपलब्धता होने के कारण कुछ उम्मीदवारों को दूर के स्टेशन आबंटित करने पड़े।