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मेरी कहानी: जिस इंसान से मैं सबसे ज्यादा नफरत करती थी, अगले साल उसी के साथ मेरी शादी है


Real Story: जरा सोचिए, जिस इंसान से आप सबसे ज्यादा नफरत करते हैं, वही आपकी जिंदगी बन जाए तो कैसा लगता है। मेरे साथ भी बिल्कुल यही हुआ है। मैं नहीं जानती कब हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। हालांकि, हमारे बीच कुछ भी कॉमन नहीं है, लेकिन इसके बाद भी हम एक-दूसरे से प्‍यार करने लगे। सच कहूं तो हम दोनों साथ में बेहद खुश हैं।

 
मेरी कहानी: जिस इंसान से मैं सबसे ज्यादा नफरत करती थी, अगले साल उसी के साथ मेरी शादी है

आपने अक्सर किस्से-कहानियों में पढ़ा और सुना होगा कि जिस शख्स से आप सबसे ज्यादा नफरत करते हैं, वह एक दिन आपकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्‍सा बन जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसकी मैंने कभी उम्‍मीद भी नहीं की थी।

दरअसल, बात मेरे कॉलेज के दिनों की है, जब मेरा कॉम्पिटीटर बैच टॉपर का टॉपर हुआ करता था। वह हर चीज में ऑलराउंडर था। चाहे एकेडमिक की बात हो या किसी स्पोर्ट्स की, हर विषय पर उसकी अच्छी पकड़ थी। यही एक वजह भी है कि मुझे उससे बहुत ज्यादा जलन होती थी। शायद ऐसा इसलिए क्‍योंकि मैं हर बार उससे पीछे रह जाती थी।


उपयोगकर्ताओं का दावा! रोजाना कपिवा गेट स्लिम जूस लेने से 10 किलो वजन कम करने में मदद मिली


हालांकि, मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, लेकिन ज्यादातर लोगों का ऐसा कहना था कि वह मेरे लिए कुछ न कुछ जरूर फील करता है। इस बात को लेकर कॉलेज में काफी गपशप भी होती थी।

ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों का कहना था कि दो प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे को कैसे पसंद कर सकते हैं। हालांकि, मैंने कभी भी इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। इसका सबसे कारण क्योंकि हमारे बीच कुछ भी कॉमन नहीं था। लेकिन यह भी सच है कि दूसरों की तरह मैं भी उसके गुणों की तारीफ करती थी। वह मेरा फेवरेट तो कभी नहीं रहा, लेकिन उसकी कुछ अच्छी आदतों ने हमेशा मुझे उसकी तारीफ करने के लिए मजबूर किया था। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती एक बैच में होने के बाद भी हमने कभी एक-दूसरे से बात तक नहीं की थी। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)
एक ही कंपनी में लग गई जॉब

आपने अक्सर किस्से-कहानियों में पढ़ा और सुना होगा कि जिस शख्स से आप सबसे ज्यादा नफरत करते हैं, वह एक दिन आपकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्‍सा बन जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसकी मैंने कभी उम्‍मीद भी नहीं की थी। दरअसल, बात मेरे कॉलेज के दिनों की है, जब मेरा कॉम्पिटीटर बैच टॉपर का टॉपर हुआ करता था। वह हर चीज में ऑलराउंडर था। चाहे एकेडमिक की बात हो या किसी स्पोर्ट्स की, हर विषय पर उसकी अच्छी पकड़ थी। यही एक वजह भी है कि मुझे उससे बहुत ज्यादा जलन होती थी। शायद ऐसा इसलिए क्‍योंकि मैं हर बार उससे पीछे रह जाती थी। उपयोगकर्ताओं का दावा! रोजाना कपिवा गेट स्लिम जूस लेने से 10 किलो वजन कम करने में मदद मिली हालांकि, मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, लेकिन ज्यादातर लोगों का ऐसा कहना था कि वह मेरे लिए कुछ न कुछ जरूर फील करता है। इस बात को लेकर कॉलेज में काफी गपशप भी होती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों का कहना था कि दो प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे को कैसे पसंद कर सकते हैं। हालांकि, मैंने कभी भी इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। इसका सबसे कारण क्योंकि हमारे बीच कुछ भी कॉमन नहीं था। लेकिन यह भी सच है कि दूसरों की तरह मैं भी उसके गुणों की तारीफ करती थी। वह मेरा फेवरेट तो कभी नहीं रहा, लेकिन उसकी कुछ अच्छी आदतों ने हमेशा मुझे उसकी तारीफ करने के लिए मजबूर किया था। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती एक बैच में होने के बाद भी हमने कभी एक-दूसरे से बात तक नहीं की थी। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं) एक ही कंपनी में लग गई जॉब ग्रेजुएशन तक मेरी लाइफ बहुत अच्‍छी रही, मुझे कभी भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन कॉलेज खत्म करने के बाद जब मुझे पता चला कि हम दोनों की जॉब भी एक ही कंपनी में लगी है, तो मैं थोड़ा सहम गई। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं कॉलेज वाला कॉम्पिटिशन अपने काम में बिल्कुल नहीं चाहती थी। हालांकि, मैं जॉब का अवसर भी नहीं छोड़ना चाहती थी, इसलिए मैंने उसे दोस्त बनाने का फैसला किया। शायद यह एक अच्छा निर्णय रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में कॉलेज मेट के साथ काम करना दूसरे एम्प्लॉई से मुकाबले ज्यादा आसान होता है। मेरी कहानी: जिस लड़की से मैं प्यार करता हूं, उसके पति के साथ भी मेरे नाजायज संबंध हैं मुझे उससे प्यार हो गया एक साथ काम करते-करते हम दोनों कुछ ही समय में अच्छे दोस्त बन गए थे। हैरानी की बात यह थी कि उसे मेरी कंपनी भी बहुत अच्छी लगती थी। उसके काम करने के तरीके से मैं भी काफी इंप्रेस थी। ऐसा इसलिए क्योंकि वह हर चीज को लेकर मुझे बहुत ही ज्यादा कम्फर्ट महसूस कराता था। मैं भी उसके लिए भावनाएं रखने लगी थी। हालांकि, अपने जीवनसाथी को लेकर हमेशा मेरी ख्वाहिश थी कि मैं जिससे प्‍यार करूंगी उसकी पसंद-राय और प्राथमिकताएं सब कुछ मेरे जैसी हों। लेकिन वह तो पूरी तरह से अलग निकला। जैसे-जैसे हम दोनों ने एक दूसरे की पर्सनालिटी को अपनाया। हम दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए। उसके साथ रहकर मैंने जो फील किया, उसे शब्‍दों में मैं कभी भी शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मेरी कहानी: 36 साल की उम्र में भी मैं कुंवारा हूं और इसकी वजह बेहद शर्मनाक है हम शादी करने वाले हैं दो साल साथ रहने के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को प्रपोज कर दिया। वह मेरा सोलमेट बनने लगा था। जब से हम रिश्ते में आए हैं, तब से हम अपनी लाइफ को खूब एन्जॉय कर रहे हैं। सबसे अच्‍छी बात है कि हम अगले साल शादी करने वाले हैं। मैं उसके साथ बहुत ज्यादा खुश हूं। मेरी कहानी: पैसा-रुतबा पाने के लिए मैं अपने शादीशुदा बॉस की रखैल बन गई
ग्रेजुएशन तक मेरी लाइफ बहुत अच्‍छी रही, मुझे कभी भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन कॉलेज खत्म करने के बाद जब मुझे पता चला कि हम दोनों की जॉब भी एक ही कंपनी में लगी है, तो मैं थोड़ा सहम गई। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं कॉलेज वाला कॉम्पिटिशन अपने काम में बिल्कुल नहीं चाहती थी।
हालांकि, मैं जॉब का अवसर भी नहीं छोड़ना चाहती थी, इसलिए मैंने उसे दोस्त बनाने का फैसला किया। शायद यह एक अच्छा निर्णय रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में कॉलेज मेट के साथ काम करना दूसरे एम्प्लॉई से मुकाबले ज्यादा आसान होता है।
मेरी कहानी: जिस लड़की से मैं प्यार करता हूं, उसके पति के साथ भी मेरे नाजायज संबंध हैं
मुझे उससे प्यार हो गया

आपने अक्सर किस्से-कहानियों में पढ़ा और सुना होगा कि जिस शख्स से आप सबसे ज्यादा नफरत करते हैं, वह एक दिन आपकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्‍सा बन जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसकी मैंने कभी उम्‍मीद भी नहीं की थी। दरअसल, बात मेरे कॉलेज के दिनों की है, जब मेरा कॉम्पिटीटर बैच टॉपर का टॉपर हुआ करता था। वह हर चीज में ऑलराउंडर था। चाहे एकेडमिक की बात हो या किसी स्पोर्ट्स की, हर विषय पर उसकी अच्छी पकड़ थी। यही एक वजह भी है कि मुझे उससे बहुत ज्यादा जलन होती थी। शायद ऐसा इसलिए क्‍योंकि मैं हर बार उससे पीछे रह जाती थी। उपयोगकर्ताओं का दावा! रोजाना कपिवा गेट स्लिम जूस लेने से 10 किलो वजन कम करने में मदद मिली हालांकि, मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, लेकिन ज्यादातर लोगों का ऐसा कहना था कि वह मेरे लिए कुछ न कुछ जरूर फील करता है। इस बात को लेकर कॉलेज में काफी गपशप भी होती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों का कहना था कि दो प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे को कैसे पसंद कर सकते हैं। हालांकि, मैंने कभी भी इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। इसका सबसे कारण क्योंकि हमारे बीच कुछ भी कॉमन नहीं था। लेकिन यह भी सच है कि दूसरों की तरह मैं भी उसके गुणों की तारीफ करती थी। वह मेरा फेवरेट तो कभी नहीं रहा, लेकिन उसकी कुछ अच्छी आदतों ने हमेशा मुझे उसकी तारीफ करने के लिए मजबूर किया था। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती एक बैच में होने के बाद भी हमने कभी एक-दूसरे से बात तक नहीं की थी। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं) एक ही कंपनी में लग गई जॉब ग्रेजुएशन तक मेरी लाइफ बहुत अच्‍छी रही, मुझे कभी भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन कॉलेज खत्म करने के बाद जब मुझे पता चला कि हम दोनों की जॉब भी एक ही कंपनी में लगी है, तो मैं थोड़ा सहम गई। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं कॉलेज वाला कॉम्पिटिशन अपने काम में बिल्कुल नहीं चाहती थी। हालांकि, मैं जॉब का अवसर भी नहीं छोड़ना चाहती थी, इसलिए मैंने उसे दोस्त बनाने का फैसला किया। शायद यह एक अच्छा निर्णय रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में कॉलेज मेट के साथ काम करना दूसरे एम्प्लॉई से मुकाबले ज्यादा आसान होता है। मेरी कहानी: जिस लड़की से मैं प्यार करता हूं, उसके पति के साथ भी मेरे नाजायज संबंध हैं मुझे उससे प्यार हो गया एक साथ काम करते-करते हम दोनों कुछ ही समय में अच्छे दोस्त बन गए थे। हैरानी की बात यह थी कि उसे मेरी कंपनी भी बहुत अच्छी लगती थी। उसके काम करने के तरीके से मैं भी काफी इंप्रेस थी। ऐसा इसलिए क्योंकि वह हर चीज को लेकर मुझे बहुत ही ज्यादा कम्फर्ट महसूस कराता था। मैं भी उसके लिए भावनाएं रखने लगी थी। हालांकि, अपने जीवनसाथी को लेकर हमेशा मेरी ख्वाहिश थी कि मैं जिससे प्‍यार करूंगी उसकी पसंद-राय और प्राथमिकताएं सब कुछ मेरे जैसी हों। लेकिन वह तो पूरी तरह से अलग निकला। जैसे-जैसे हम दोनों ने एक दूसरे की पर्सनालिटी को अपनाया। हम दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए। उसके साथ रहकर मैंने जो फील किया, उसे शब्‍दों में मैं कभी भी शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मेरी कहानी: 36 साल की उम्र में भी मैं कुंवारा हूं और इसकी वजह बेहद शर्मनाक है हम शादी करने वाले हैं दो साल साथ रहने के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को प्रपोज कर दिया। वह मेरा सोलमेट बनने लगा था। जब से हम रिश्ते में आए हैं, तब से हम अपनी लाइफ को खूब एन्जॉय कर रहे हैं। सबसे अच्‍छी बात है कि हम अगले साल शादी करने वाले हैं। मैं उसके साथ बहुत ज्यादा खुश हूं। मेरी कहानी: पैसा-रुतबा पाने के लिए मैं अपने शादीशुदा बॉस की रखैल बन गई
एक साथ काम करते-करते हम दोनों कुछ ही समय में अच्छे दोस्त बन गए थे। हैरानी की बात यह थी कि उसे मेरी कंपनी भी बहुत अच्छी लगती थी। उसके काम करने के तरीके से मैं भी काफी इंप्रेस थी। ऐसा इसलिए क्योंकि वह हर चीज को लेकर मुझे बहुत ही ज्यादा कम्फर्ट महसूस कराता था। मैं भी उसके लिए भावनाएं रखने लगी थी।
हालांकि, अपने जीवनसाथी को लेकर हमेशा मेरी ख्वाहिश थी कि मैं जिससे प्‍यार करूंगी उसकी पसंद-राय और प्राथमिकताएं सब कुछ मेरे जैसी हों। लेकिन वह तो पूरी तरह से अलग निकला। जैसे-जैसे हम दोनों ने एक दूसरे की पर्सनालिटी को अपनाया। हम दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए। उसके साथ रहकर मैंने जो फील किया, उसे शब्‍दों में मैं कभी भी शब्दों में बयां नहीं कर सकती।
मेरी कहानी: 36 साल की उम्र में भी मैं कुंवारा हूं और इसकी वजह बेहद शर्मनाक है
हम शादी करने वाले हैं

आपने अक्सर किस्से-कहानियों में पढ़ा और सुना होगा कि जिस शख्स से आप सबसे ज्यादा नफरत करते हैं, वह एक दिन आपकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्‍सा बन जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसकी मैंने कभी उम्‍मीद भी नहीं की थी। दरअसल, बात मेरे कॉलेज के दिनों की है, जब मेरा कॉम्पिटीटर बैच टॉपर का टॉपर हुआ करता था। वह हर चीज में ऑलराउंडर था। चाहे एकेडमिक की बात हो या किसी स्पोर्ट्स की, हर विषय पर उसकी अच्छी पकड़ थी। यही एक वजह भी है कि मुझे उससे बहुत ज्यादा जलन होती थी। शायद ऐसा इसलिए क्‍योंकि मैं हर बार उससे पीछे रह जाती थी। उपयोगकर्ताओं का दावा! रोजाना कपिवा गेट स्लिम जूस लेने से 10 किलो वजन कम करने में मदद मिली हालांकि, मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, लेकिन ज्यादातर लोगों का ऐसा कहना था कि वह मेरे लिए कुछ न कुछ जरूर फील करता है। इस बात को लेकर कॉलेज में काफी गपशप भी होती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों का कहना था कि दो प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे को कैसे पसंद कर सकते हैं। हालांकि, मैंने कभी भी इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। इसका सबसे कारण क्योंकि हमारे बीच कुछ भी कॉमन नहीं था। लेकिन यह भी सच है कि दूसरों की तरह मैं भी उसके गुणों की तारीफ करती थी। वह मेरा फेवरेट तो कभी नहीं रहा, लेकिन उसकी कुछ अच्छी आदतों ने हमेशा मुझे उसकी तारीफ करने के लिए मजबूर किया था। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती एक बैच में होने के बाद भी हमने कभी एक-दूसरे से बात तक नहीं की थी। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं) एक ही कंपनी में लग गई जॉब ग्रेजुएशन तक मेरी लाइफ बहुत अच्‍छी रही, मुझे कभी भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन कॉलेज खत्म करने के बाद जब मुझे पता चला कि हम दोनों की जॉब भी एक ही कंपनी में लगी है, तो मैं थोड़ा सहम गई। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं कॉलेज वाला कॉम्पिटिशन अपने काम में बिल्कुल नहीं चाहती थी। हालांकि, मैं जॉब का अवसर भी नहीं छोड़ना चाहती थी, इसलिए मैंने उसे दोस्त बनाने का फैसला किया। शायद यह एक अच्छा निर्णय रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में कॉलेज मेट के साथ काम करना दूसरे एम्प्लॉई से मुकाबले ज्यादा आसान होता है। मेरी कहानी: जिस लड़की से मैं प्यार करता हूं, उसके पति के साथ भी मेरे नाजायज संबंध हैं मुझे उससे प्यार हो गया एक साथ काम करते-करते हम दोनों कुछ ही समय में अच्छे दोस्त बन गए थे। हैरानी की बात यह थी कि उसे मेरी कंपनी भी बहुत अच्छी लगती थी। उसके काम करने के तरीके से मैं भी काफी इंप्रेस थी। ऐसा इसलिए क्योंकि वह हर चीज को लेकर मुझे बहुत ही ज्यादा कम्फर्ट महसूस कराता था। मैं भी उसके लिए भावनाएं रखने लगी थी। हालांकि, अपने जीवनसाथी को लेकर हमेशा मेरी ख्वाहिश थी कि मैं जिससे प्‍यार करूंगी उसकी पसंद-राय और प्राथमिकताएं सब कुछ मेरे जैसी हों। लेकिन वह तो पूरी तरह से अलग निकला। जैसे-जैसे हम दोनों ने एक दूसरे की पर्सनालिटी को अपनाया। हम दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए। उसके साथ रहकर मैंने जो फील किया, उसे शब्‍दों में मैं कभी भी शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मेरी कहानी: 36 साल की उम्र में भी मैं कुंवारा हूं और इसकी वजह बेहद शर्मनाक है हम शादी करने वाले हैं दो साल साथ रहने के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को प्रपोज कर दिया। वह मेरा सोलमेट बनने लगा था। जब से हम रिश्ते में आए हैं, तब से हम अपनी लाइफ को खूब एन्जॉय कर रहे हैं। सबसे अच्‍छी बात है कि हम अगले साल शादी करने वाले हैं। मैं उसके साथ बहुत ज्यादा खुश हूं। मेरी कहानी: पैसा-रुतबा पाने के लिए मैं अपने शादीशुदा बॉस की रखैल बन गई
दो साल साथ रहने के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को प्रपोज कर दिया। वह मेरा सोलमेट बनने लगा था। जब से हम रिश्ते में आए हैं, तब से हम अपनी लाइफ को खूब एन्जॉय कर रहे हैं। सबसे अच्‍छी बात है कि हम अगले साल शादी करने वाले हैं। मैं उसके साथ बहुत ज्यादा खुश हूं।
मेरी कहानी: पैसा-रुतबा पाने के लिए मैं अपने शादीशुदा बॉस की रखैल बन गई