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तस्वीरें साफ बोलती है किसानों का दर्द, कैसे होगी इन किसानों की भरपाई

 
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सोशल मीडिया पर खेत में खड़े एक किसान कि तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है एक किसान कटाई की हुई फसल बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि की चपेट में आने से पूरी तरह नष्ट हो गई। पीड़ित किसान नष्ट हुई गेंहू की फसल को अपने हाथों में लेकर रोते बिलखते हुए नजर आ रहा है। बहुत दुख होता है जब 6 माह में तन-मन और धन से कड़ी महन्नत कर पकाई गई फसल मौसम की मार से एक दिन में नष्ट हो जाए तो हर किसी का दर्द खोल उठता है। अब बात आती है इन किसानों की भरपाई कैसे होगी?

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जो फसलें चार दिन पहले तक लहलहा रही थी, वे अब आधी दम तोड़ चुकी हैं। कुछ किसान तो खुशकिस्मत हैं, जिनका मामूली ही नुकसान हुआ। लेकिन अधिकांश किसानों की आंखों में आंसू हैंए क्योंकि उनकी मेहनत पर फिर पानी फिर गया है। फरवरी में तापमान बढ़ने के बाद अब मार्च में एक बार मौसम के बदलते रुख ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कई राज्यों में तेज हवाए बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं फसल को नुकसान पहुंचाना शुरु कर दिया है।

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खेती किसानी में हमेशा से ही अनिश्चितताएं हावी रही हैं। अचानक मौसम बदलने से फसलों में नुकसान हो जाता हैए जिससे किसानों पर आर्थिक संकट मंडराने लगता है। पिछले साल ही खरीफ सीजन में मौसम की अनिश्चितताओं के कारण हजारों एकड़ फसल में नुकसान देखने को मिला था। इस साल फरवरी में भी अचानक तापमान बढ़ने से गेहूं की पैदावार कम होने जैसी संभावनाएं पैदा हो गईं। अब मार्च में कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि ने एक बार फिर किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के कई इलाकों में बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि के चलते गेहूं की फसल नुकसान में जा रही हैं।

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कई इलाकों में गेहूं की कटाई का काम चल रहा है, लेकिन मौसम का बदलता रुख देख किसानों ने कटाई को टाल दिया है। एक तरफ कटी हुई फसलें खेत में पड़े.पड़े चौपट हो रही रही हैं। वहीं खड़ी फसलें भी तेज हवा से झुकती जा रही हैं।

कैसे होगी किसानों की भरपाई?

भारत देश में किसान को अन्नदाता माना जाता है। किसान ही एक मात्र ऐसा प्राणी है जो ना दिन देखता है ना रात देखता है 24 घंटे देश कैसे समृध हो, देश की खुशहाली के बारे में कार्य करता रहता है। देश में आधी आबादी से ज्यादा हिस्सा किसानी है। यही कारण है कि देश को किसान जवान और विज्ञान कहा जाता है। देश में किसानों की भरपाई सरकार चाहे कितने भी प्रयास कर लें, कितनी भी किसानों की योजना लेकर आए किसानों की भरपाई करना असंभव है। देश में सबसें ज्यादा मेंहनतकश किसान है और किसान की फसल जब पककर तैयार हो जाती है तो कभी उसे प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान झेलना पड़ता है, तो कभी फसल का उचित मुल्य न मिलने पर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।

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हालांकि सरकार द्वारा महज लिपापोती करके मुआवजा राशि देकर मरहम लगाया जाता है। लेकिन वह सिर्फ खानापूर्ति ही सिद्ध होती है। यही कारण है कि जब किसान की भरपाई नही हो पाती तो किसान मजबूरन मानसिक तौर पर परेशान हो जाता है और आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाता है। देश में किसानों द्वारा लगातार कि जा रही आत्महत्याओं का आकंड़ा बढता ही जा रहा है। यहां यह स्पष्ट है कि किसानों की सुध व भरपाई करने वाला कोई नही है।