पुरुष में कुत्ते के ये 5 गुण आ जाए तो महिला हमेशा रहती संतुष्ट, जानें चाणक्य नीति

इसमें आचार्य चाणक्य ने मनुष्यi जीवन के कई ऐसे मर्म बताए हैं।

जिन्हें समझ कर कोई भी व्यमक्ति आसानी से अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकता है।

आचार्य चाणक्य पुरुष में कुत्ते के 5 गुण आ जाए तो उससे उसकी स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है।

संतुष्ट रहना

जैसे कि कुत्ता जितना भोजन मिलता है, उतने में ही संतुष्ट हो जाता है, इसी तरह पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए और जो धन या फल मिलता है, उससे संतुष्ट और खुश रहना चाहिए।

सतर्क रहना

जैसे कि कुत्ता भले ही गहरी नींद में होने के बावजूद सतर्क रहता है, वैसे ही पुरुष को अपने परिवार, स्त्री और कर्तव्यों के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए। चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो, हल्की आहट पर ही जागने का गुण होना चाहिए।

वफादारी

जैसे कि कोई कुत्ते की वफादारी पर शक नहीं कर सकता है, उसी तरह पुरुष को अपनी पत्नी और कार्य के प्रति हमेशा वफादार होना चाहिए। पत्नी अपने पति की वफादारी से ही आनंदित रहती है।

वीरता

कुत्ता निडर और वीर प्राणी होता है, जो अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक गंवा सकता है। ठीक उसी तरह पुरुषों को भी वीरत्व का गुण रखना चाहिए, जरूरत पड़ने पर अपनी पत्नी और परिवार के लिए अपनी जान दांव पर लगाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

संतुष्ट रखना

पुरुष का पहला दायित्व है अपनी पत्नी को हर तरह से संतुष्ट रखना। जो पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्नी को संतुष्ट रखते हैं, उनकी पत्नी हमेशा खुश रहती है। ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपनी पत्नी का प्रिय बना रहता है।